Product Description
मृत देशभक्तों के विलापी गीत… जो हिंदुस्तान के कवियों ने भुला दिए।
एक शापित शहर और एक निर्मम विदेशी लुटेरे की कभी ना भूलने वाली दास्तान।
इतिहास के तहख़ानों में कैद... अफ़ीम के सफ़ेद हाथों से लाल स्याही में लिखा गया एक काला अध्याय।
ये कहानी है एक तथाकथित विद्रोह के झूठे ताबूतों में सदियों से दफ़न, एक अमर जंग की।
जहाँ एक तरफ़ एक शानदार बन्दूकबाज़ जंग के दोनों दलों की तरफ़ से लड़ता है, वहीं दिल्ली का महानगर एक बर्बर नरसंहार के केंद्र के रूप में उभरता है।
एक राष्ट्र हिंसक क्रांति में भड़क उठता है, जबकि एक असाधारण इंसान खड़ा होता है लाखों की नफ़रत... और एक के प्यार के बीच।
खुद शैतान इंसानों की दुनिया में प्रवेश करता है - मौत के दूत थियो, भगवान निकल्सन और जल्लाद हॉडसन की भयावह तिगड़ी के भेष में।
मस्तान, छगन, ज़फ़र, मंगलो, डी'क्रूज़, शाहबाज़, दरवेश, फ़ेय और ग़ालिब - सब मोहरे मात्र हैं... भाग्य के क्रूर हाथों में।
एक भयावह साया, एक अभिशप्त वंश,
रक्त से लिप्त सदियाँ;
ताक लगाये, बैठा वो जिन्न-पिशाच,
दिल्ली की कब्र से मिटाता अपनी भूख!
Product Details
Title: | 1857- Mastaan Ki Talwaar- Hindi |
---|---|
Author: | Vineet Bajpai |
Publisher: | TreeShade Books |
ISBN: | 9789395106085 |
SKU: | BK0483331 |
EAN: | 9789395106085 |
Number Of Pages: | 260 pages |
Language: | Hindi |
Place of Publication: | India |
Binding: | Paperback |
Reading age : | 12 years and up |
Release date: | 25 May 2023 |