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Chitralekha

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Description

चित्रालेखा न केवल भगवतीचरण वर्मा को एक उपन्यासकार के रूप में प्रतिष्ठा दिलानेवाला पहला उपन्यास है... Read More

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Product Description

चित्रालेखा न केवल भगवतीचरण वर्मा को एक उपन्यासकार के रूप में प्रतिष्ठा दिलानेवाला पहला उपन्यास है बल्कि हिंदी के उन विरले उपन्यासों में भी गणनीय है, जिनकी लोकप्रियता बराबर काल की सीमा को लाँघती रही है। चित्रालेखा की कथा पाप और पुण्य की समस्या पर आधारित है। पाप क्या है ? उसका निवास कहाँ है ? -इन प्रश्नों का उत्तर खोजने के लिए महाप्रभु रत्नांबर के दो शिष्य, श्वेतांक और विशालदेव, क्रमशः सामंत बीजगुप्त और योगी कुमारगिरि की शरण में जाते हैं। इनके साथ रहते हुए श्वेतांक और विशालदेव नितांत भिन्न जीवनानुभवों से गुजरते हैं। और उनके निष्कर्षों पर महाप्रभु रत्नांबर की टिप्पणी है, संसार में पाप कुछ भी नहीं है, यह केवल मनुष्य के दृष्टिकोण की विषमता का दूसरा नाम है। हम न पाप करते हैं और न पुण्य करते हैं, हम केवल वह करते हैं जो हमें करना पड़ता है।

Product Details

Title: Chitralekha
Author: Bhagwaticharan Verma
Publisher: Rajkamal Prakashan
ISBN: 9788126715855
SKU: BK0410437
EAN: 9788126715855
Language: Hindi
Binding: Paperback
Reading age : All Age Groups

About Author

जन्म: 30 अगस्त, 1903 जन्मस्थान: उन्नाव जिले (उ.प्र.) का शफीपुर गाँव, इलाहाबाद से बी.ए., एल.एल.बी.। प्रारंभ में कविता- लेखन। फिर उपन्यासकार के नाते विख्यात। 1933 के करीब प्रतापगढ़ के राजा साहब भदरी के साथ रहे। 1936 के लगभग फिल्म कार्पोरेशन, कलकत्ता में कार्य। कुछ दिनों ‘विचार’ नामक साप्ताहिक का प्रकाशन-संपादन। इसके बाद बंबई में फिल्म-कथालेखन तथा दैनिक ‘नवजीवन’ का संपादन। फिर आकाशवाणी के कई केन्द्रों में कार्य। बाद में, 1957 में मृत्यु-पर्यंत स्वतंत्र साहित्यकार के रूप में लेखन। ‘चित्रलेखा’ उपन्यास पर दो बार फिल्म-निर्माण और ‘भूले-बिसरे चित्र’ साहित्य अकादमी से सम्मानित। पद्मभूषण तथा राज्यसभा की मानद सदस्यता प्राप्त। प्रकाशित पुस्तकें: अपने खिलौने, पतन, तीन वर्ष, चित्रलेखा, भूले-बिसरे चित्र, टेढ़े-मेढ़े रास्ते, सीधी सच्ची बातें, सामर्थ्य और सीमा, रेखा, वह फिर नहीं आई, सबहिं नचावत राम गोसाईं, प्रश्न और मरीचिका, युवराज चूण्डा, धुप्पल (उपन्यास), प्रतिनिधि कहानियाँ, मेरी कहानियाँ, मोर्चाबंदी तथा सम्पूर्ण कहानियाँ (कहानी-संग्रह), मेरी कविताएँ, सविनय और एक नाराज़ कविता (कविता-संग्रह), मेरे नाटक, वसीयत (नाटक), अतीत के गर्त से, कहि न जाय का कहिए (संस्मरण), साहित्य के सिद्धांत तथा रूप (साहित्यालोचन)। निधन: 5 अक्तूबर, 1981

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