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Product Description
मैं राघव, एक होनहार युवक जो सपने भी देखता है और उन्हें पूरा करने की चाहत भी रखता है। जिसे कच्ची उमर से ही एक साथी की तमन्ना है जिसके साथ दुनियाभर की ख़ुशियाँ अपने दामन में समेट ले, लेकिन . . . यही नहीं कर पाता मैं।
ऐसा नहीं था कि मैं बिलकुल नहीं बोल पाता। पर हकलाहट ऐसा मर्ज़, जो भोगे वो ही समझे। जहाँ पर जज न किया जाए, वहाँ पर तो ठीक बोल लेते, लेकिन जहाँ कोई ज़रूरी बात हो, नया व्यक्ति हो, या फिर जज किया जा रहा हो, वहाँ ऐसी मानसिकता बन जाती कि आवाज़ निकलती ही नहीं, जीभ जैसे चिपक जाए। दाँत किटकिटाने लगें, शरीर अकड़-सा जाए। आवाज़ न निकले।
फिर मैंने अपने हारे हुए दिल की सुनी और वही करने की ठानी जो किसी नकारा कर गुज़रना चाहिए। लेकिन, दस मंज़िली इमारत से कूदते वक्त जो उसने मेरा हाथ थामा तो किस्मत मुस्कुरा उठी जैसे!
परिस्थितियाँ मायने नहीं रखतीं, मायने रखती है, उम्मीद! बमुश्किल एक शब्द बोल पाने से लेकर जीवन का मर्म समझने तक की मार्मिक एवं प्रेरक कहानी है, गेरबाज़।
Product Details
Title: | Gerbaaz (Hin) |
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Author: | Bhagwant Anmol/भगवंत अनमोल |
Publisher: | Penguin Swadesh |
ISBN: | 9780143463696 |
SKU: | BK0483090 |
EAN: | 9780143463696 |
Number Of Pages: | 192 pages |
Language: | Hindi |
Place of Publication: | India |
Binding: | Paperback |
Release date: | 21 October 2023 |