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Joothan-2 (Hindi Edition)

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जूठन-2 'जूठन’ ओमप्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा है। इसका पहला भाग बरसों पहले प्रकाशित होकर, आज हिन्दी ... Read More

Product Description

जूठन-2 'जूठन’ ओमप्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा है। इसका पहला भाग बरसों पहले प्रकाशित होकर, आज हिन्दी दलित साहित्य और खासकर आत्मकथाओं की शृंखला में एक विशेष स्थान प्राप्त कर चुका है। वाल्मीकि जी अब हमारे बीच नहीं हैं, अपने जीवन-काल में उन्होंने 'जूठन’ के बाद साहित्य, समाज और संवेदना के दायरों में एक लम्बी यात्रा पूरी की। कई कथात्मक और आलोचनात्मक कृतियों के साथ उनके काव्य-संग्रह भी आए। 'जूठन’ का यह दूसरा भाग उनके उसी दौर का आख्यान है। आत्मकथा के इस दूसरे भाग की शुरुआत उन्होंने देहरादून की आर्डिनेंस फैक्ट्री में अपनी नियुक्ति से की है। नई जगह पर अपनी पहचान को लेकर आई समस्याओं के साथ-साथ यहाँ मजदूरों के साथ जुड़ी अपनी गतिविधियों का जिक्र करते हुए उन्होंने अपनी साहित्यिक सक्रियता का भी विस्तार से उल्लेख किया है। सहज, प्रवाहपूर्ण और आत्मीय भाषा में लिखी गई यह पुस्तक देहरादून से जबलपुर और वहाँ से पुन: देहरादून की यात्रा करती हुई शिमला उच्च अध्ययन संस्थान और फिर उनके अस्वस्थ होने तक जाती है। दलित साहित्य के वर्तमान परिदृश्य में 'जूठन’ के इस दूसरे भाग को पढ़ना एक अलग अनुभव है

Product Details

Title: Joothan-2 (Hindi Edition)
Author: Omprakash Valmiki
Publisher: Rajkamal Prakashan
ISBN: 9788183616935
SKU: BK0458908
EAN: 9788183616935
Language: Hindi
Binding: Paperback
Reading age : All Age Groups

About Author

जन्म: 30 जून, 1950, बरला, जिला मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश। शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी साहित्य)। प्रकाशित कृतियाँ: सदियों का संताप, बस्स! बहुत हो चुका, अब और नहीं (कविता संग्रह); जूठन (आत्मकथा) अंग्रेजी, जर्मन, स्वीडिश, पंजाबी, तमिल, मलयालम, कन्नड़, तेलगू में अनूदित एवं प्रकाशित। सलाम, घुसपैठिए (कहानी संग्रह), दलित साहित्य का सौन्दर्यशास्त्र, मुख्यधारा और दलित साहित्य, सफाई देवता (सामाजिक अध्ययन), दलित साहित्य: अनुभव, संघर्ष और यथार्थ, ।उउं ंदक वजीमत ैजवतपमे, चयनित कविताएँ। अनुवाद: सायरन का शहर (अरुण काले) कविता संग्रह का मराठी से हिन्दी में अनुवाद, मैं हिन्दू क्यों नहीं (कांचा एलैया) की अंग्रेजी पुस्तक का हिन्दी में अनुवाद, लोकनाथ यशवन्त की अनेक मराठी कविताओं का हिन्दी में अनुवाद। अन्य: 1. लगभग 60 नाटकांे में अभिनय एवं निर्देशन, 2. विभिन्न नाट्य दलों द्वारा ‘दो चेहरे’ का मंचन, 3. ‘जूठन’ के नाट्य रूपान्तरण का अनेक नगरों: जालन्धर, चंडीगढ़, लुधियाना, कैथल आदि में मंचन, 4. अनेक राष्ट्रीय सेमिनारों में हिस्सेदारी, 5. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ में पुनश्चर्या पाठ्यक्रम में अनेक व्याख्यान, 6. अनेक विश्वविद्यालयों, पाठ्यक्रमों में रचनाएँ शामिल, 7. प्रथम हिन्दी दलित साहित्य सम्मेलन, 1993, नागपुर के अध्यक्ष, 8. 28वें अस्मितादर्श साहित्य सम्मेलन, 2008, चन्द्रपुर, महाराष्ट्र के अध्यक्ष, 9. भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, राष्ट्रपति निवास, शिमला सोसाइटी के सदस्य। पुरस्कार/सम्मान: 1. डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार, 1993, 2. परिवेश सम्मान, 1995, 3. जयश्री सम्मान, 1996, 4. कथाक्रम सम्मान, 2001, 5. न्यू इंडिया बुक पुरस्कार, 2004, 6. साहित्य भूषण सम्मान 2006, 7. 8वाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन, 2007, न्यूयॉर्क, अमेरिका सम्मान, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ।

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