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Product Description
पाकिस्तान के एक प्रभावशाली परिवार में जन्मीं तहमीना दुर्रानी का पालन-पोषण लाहौर के कुलीन समाज के बीच हुआ। अपने समाज की अन्य औरतों की तरह तहमीना से भी उम्मीद की जा रही थी कि वह किसी अमीर और प्रतिष्ठित मुसलमान की बीवी बने, उसके लिए ढेरों बच्चे पैदा करे और ऐशो-आराम की जिन्दगी बिताये। पाकिस्तान के सबसे प्रतिष्ठित राजनेताओं में से एक मुस्तफाखार से हुई तहमीना की शादी जल्दी ही एक दुःस्वप्न में बदल गयी। ईर्ष्यालु, दम्भी और संकीर्ण प्रवृत्ति के मुस्तफाखार ने तहमीना को बाकी दुनिया से पूरी तरह काट कर घर की चार दीवारी में एक तरह से कैद कर दिया था। चौदह साल तक वह खामोशी से यह सब सहती रहीं। जब उन्होंने हालात से विद्रोह करने का फैसला किया तो इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी। एक तलाकशुदा मुस्लिम औरत की तरह उन्हें पति की धन-दौलत से अधिकार छोड़ना पड़ा। अपने चार बच्चों पर भी तहमीना का कोई हक नहीं रहा। माता-पिता ही नहीं बल्कि दोस्तों ने भी तहमीना को अलग-थलग कर दिया। उन्हें हिकारत की नजरों से देखने लगे । जब यह पुस्तक प्रकाशित हुई तो पाकिस्तान समाज की जड़ें तक हिल गयीं। आखिर कोई तो इन अन्धविश्वासों और आस्थाओं के बीच महिला अधिकारों की बात उठाने में सफल हुआ। तहमीना दुर्रानी की कहानी संकीर्ण मुस्लिम समाज के जाल में फँसी महिला की स्थिति को उजागर करती है
Product Details
Title: | Mere Aaka |
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Author: | Tehmina Durrani |
Publisher: | Vani Prakashan |
SKU: | BK0500719 |
EAN: | 9788170559863 |
Number Of Pages: | 359 |
Language: | Hindi |
Binding: | Paperback |
Reading age : | 18 years and up |
Country Of Origin: | India |
Release date: | 1 March 2023 |