Product Description
नीम का पेड़ – रही मासूम रजा “मैं अपनी तरफ से इस कहानी में कहानी भी नहीं जोड़ सकता था ! इसीलिए इस कहानी में आपको हदें भी दिखाई देंगी और सरहदें भी ! नफरतों की आग में मोहब्बत के छींट दिखाई देंगे ! सपने दिखाई देंगे तो उनका टूटना भी| और इन सबके पीछे दिखाई देगी सियासत की काली स्याह दीवार ! हिंदुस्तान की आज़ादी को जिसने निगल लिया ! जिसने राज को कभी भी सु-राज नहीं होने दिया ! जिसे हम रोज झंडे और पहिए के पीछे ढूंढते रहे कि आखिर उनका निशान कहाँ हैं? गाँव मदरसा कुर्द और लछमनपुर कलां महज दो गाँव-भर नहीं हैं और अली जमीं खां और मुस्लिम मियां की अदावत बस दो खालाजाद भाइयों की अदावत नहीं है ! ये तो मुझे मुल्कों की अदावत की तरह दिखाई देती है, जिसमें कभी एक का पलड़ा झुकता दिखाई देता है तो कभी दूसरे का और जिसमें न कोई हारता है, न कोई जीतता है ! बस, बाकी रह जाता है नफरत का एक सिलसिला “मैं शुक्रगुजार हूँ उस नीम के पेड़ का जिसने मुल्क को टुकड़े होते हुए भी देखा और आजादी के सपनों को टूटे हुए भी देखा ! उसका दर्द बस इतना है कि वह इन सबके बीच मोहब्बत और सुकून की तलाश करता फिर रहा है| ”
Product Details
Title: | Neem Ka Ped (Hb) €“ Hindi |
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Author: | Rahi Masoom Raza |
Publisher: | Rajkamal Prakashan |
ISBN: | 9788126706273 |
SKU: | BK0442528 |
EAN: | 9788126706273 |
Language: | Hindi |
Place of Publication: | India |
Binding: | Hardcover |
Release date: | 1 January 2016 |