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Ram Janmabhoomi (Hindi)

Release date: 19 January 2024
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Description

जो सभ्यता अपने संघर्षों को भूल जाती है, वह अपनी गलतियों की पुनरावृत्ति और आत्म-विनाश के दुश्चक्र ... Read More

Product Description

जो सभ्यता अपने संघर्षों को भूल जाती है, वह अपनी गलतियों की पुनरावृत्ति और आत्म-विनाश के दुश्चक्र में फंसने को अभिशप्त होती है। स्वतंत्रता की लड़ाई, आधिपत्य तथा अत्याचारों के खिलाफ प्रतिरोध अक्सर सामूहिक स्मृतियों से गायब हो जाते हैं और उत्पीड़न की बोझ तले, मनगढ़ंत कथाओं द्वारा हिंदू पहचान को मिटाने के व्यवस्थित प्रयासों के माध्यम से उन स्मृतियों की चमक धुंधली कर दी जाती हैं। भारत की पवित्र भौगोलिक संरचना, हिंदू धर्म के उद्गम स्थल और हिंदू लोगों की पैतृक भूमि, लगातार हुए आक्रमणों के साक्षी हैं, जिसने सामूहिक मानस पर अमिट घाव छोड़े हैं।

राम जन्मभूमि आंदोलन हिंदू सभ्यता की जड़ों पर हुए प्रहार और इसे पुनः प्राप्त करने के दुर्धर्ष संघर्ष का एक जीवंत एवं मार्मिक दस्तावेज है। शस्त्र आधारित आख्यानों के प्रभुत्व वाले युग में, जहां अत्याचार करने वालों को पीड़ित का और पीड़ितों को उत्पीड़क का ताज पहनाया जाता है, यह पुस्तक आंदोलन के उदात्त संघर्ष में अनगिनत हिंदुओं के अश्रु, स्वेद और रक्त से लिखी बेबाक सच्चाइयों का स्मरण कराती है। यह पुस्तक इस बात की अनुस्मारिका भी है कि इस युग में जन्मा प्रत्येक हिंदू, उन विपदाओं, कष्टों और उन लोगों द्वारा किए गए बलिदानों को कभी न भूले जो उनसे पहले हुए हैं। यदि हम जाने-अनजाने भूल जाते हैं, तो अपनी महान सभ्यता के विनाश के भागीदार होंगे।

 

Product Details

Title: Ram Janmabhoomi (Hindi)
Author: Rashmi Samant
Publisher: BluOne Ink
SKU: BK0495078
EAN: 9789392209703
Number Of Pages: 236
Language: Hindia
Binding: Paperback
Country Of Origin: India
Release date: 19 January 2024

About Author

रश्मि सामंत उत्साह और ओजस्विता से भरी, एक उभरती युवा नेत्री हैं। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष बनकर इतिहास रच दिया। वह अक्सर राष्ट्रीय टेलीविजन बहसों में दिखाई देती हैं, और कभी-कभी प्रमुख राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों के लिए कॉलम भी लिखती हैं। इसके साथ ही वे हाशिये पर पड़े स्वदेशी समुदायों के लिए एक मुखर मानवाधिकार समर्थक के रूप में भी जानी जाती हैं। उनके प्रभावशाली कार्यों में मीडिया, थिंक टैंक और विभिन्न सरकारों के साथ सहयोग करना शामिल है। वैश्विक शांति की दृष्टि से सामंत के प्रमुख उल्लेखनीय योगदानों में से एक ब्रिटिश संसद में बहुसंख्यकों के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन पर व्यापक रिपोर्ट पेश करना है। वह ‘आत्मा’ (एटीएमएएच) नामक एक गैर-लाभकारी संस्था भी चलाती हैं। उनकी पहली किताब, ए हिंदू इन ऑक्सफ़ोर्ड, रिलीज़ होने के कुछ ही घंटों के भीतर बेस्टसेलर बन गई। रश्मि बहुमुखी और बहुआयामी प्रतिभा की धनी हैं। एक विचारशील लीडर होने के अलावा, वह एक उद्यमी और पुनर्नवा की कार्यकारी निदेशक भी हैं।

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