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Product Description
विष्णु सखाराम खांडेकर का जन्म 19 जनवरी, 1898 को सांगली में हुआ था। बम्बई विश्वविद्यालय से मैट्रिकुलेशन की परीक्षा पास करके आगे पढ़ने के लिए फर्ग्युसन कॉलेज मे प्रवेश लिया। पर कॉलेज छोड़ना पड़ा और 1920 में शिरोद नामक गांव में एक स्कूल में अध्यापक हो गए। नौ वर्ष बाद खांडेकर जी का विवाह हुआ। 1948 में खांडेकर जी कोल्हापुर गए और प्रसिद्ध फिल्म निर्माता मास्टर विनायक के लिए फिल्मी नाटक लिखने लगे। प्रतिकूल स्वास्थ्य के कारण आपको जीवन भर अनेक कष्ट भोगने पड़े। आपको साहित्य पर अकादमी पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। 'पदमभूषण' से भी आप अलंकृत हुए। ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले आप पहले मराठी साहित्यकार थे।
Product Details
Title: | Yayati |
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Author: | Vishnu Sakharam Khandekar |
Publisher: | Rajpal |
SKU: | BK0340368 |
EAN: | 9788170285595 |
Number Of Pages: | 338 |
Language: | Hindi |
Binding: | Paperback |
Country Of Origin: | India |
Release date: | 11 June 2015 |
About Author
Vishnu Sakharam Khandekar was a Marathi writer who was born in 1898 in Sangli, Maharashtra. He was a school teacher who, in his spare time, produced a large body of work in Marathi, in the form of novels, plays, essays, and short stories. His other works include Hrudayāchi Hāk, Pahile Prem, Soneri Swapne Bhangali, Eka Panachi Kahani, and Pāndhare Dhag. V S Khandekar received numerous honors for his literary achievements. These include the Sahitya Akademi Award, the Jnanpith Award for Yayati, and the Padma Bhushan.