Main Krishna Hoon- Vol 3- Dwarka- Sapno Se Haqeeqat Ka Safar(Hindi)
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Description
"‘मैं कृष्ण हूँ – द्वारका – सपनों से हकीकत का सफर’ बेस्टसेलिंग ‘‘मैं मन हूँ’’ के लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित ‘मैं कृष्ण हूँ’ श्रृंखला की तीसरी किताब है। इस किताब में कृष्ण के जीवन से जुड़े कई अहम सवालों के जवाब मिलते हैं जैसे: कृष्ण ने द्वारका नगरी क्यों बसाई? कृष्ण ने अपनी प्राणप्यारी रुक्मिणी का अपहरण क्यों किया? ऐसी क्या मजबूरी थी जो कृष्ण को आर्यावर्त की राजनीति में उलझना पड़ा?
एक शानदार प्रतिसाद के चलते ‘‘मैं कृष्ण हूँ’’ के पहले भाग को साल 2018 के Crossword Book Awards के ‘Best Popular Non-Fiction’ कैटेगरी में भी नामांकित किया जा चुका है।
‘‘मैं कृष्ण हूँ’’ में कृष्ण के जीवन को पंद्रह से भी अधिक पौराणिक ग्रंथों से रिसर्च करने के बाद सिलसिलेवार तरीके से लिखा गया है जिसमें कृष्ण के हर कर्म के पीछे के सायकोलॉजिकल कारणों पर भी प्रकाश डाला गया है। आत्मकथा के रूप में लिखी गई कृष्ण की इस जीवन यात्रा में पाठकों को बताया जाता है कि कैसे कृष्ण ने अपनी चेतना के सहारे जीवन के सारे युद्ध जीते और उस मुकाम पर जा बैठे जिसके लिए आज वे न सिर्फ जाने जाते हैं, बल्कि जिस वजह से आज हर कोई उनके बारे में जानने को उत्सुक भी हैं।
चूंकि किताब के लेखक स्पीरिच्युअल सायकोडाइनैमिक्स के पायनियर हैं, इसलिए उन्होंने सभी आवश्यक जगहों पर कृष्ण की सायकोलॉजी पर प्रकाश डाला है ताकि पाठक यह समझ सके कि कृष्ण ने जो किया वो क्यों किया। ‘‘मैं कृष्ण हूँ’’ निम्नलिखित शास्त्रों से रिसर्च करने के बाद लिखी गई है: महाभारत, शतपथ ब्राह्मण, ऐतरेय आरण्यक, निरुक्त, अष्टाध्यायी, गर्ग संहिता, जातक कथा, अर्थशास्त्र, इंडिका, हरिवंश पुराण, विष्णु पुराण, महाभाष्य, पद्म पुराण, मार्कंडेय पुराण, कूर्म पुराण…।
यह किताब अंग्रेजी और गुजराती में भी उपलब्ध है।"
"‘मैं कृष्ण हूँ – द्वारका – सपनों से हकीकत का सफर’ बेस्टसेलिंग ‘‘मैं मन हूँ’’ के लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित ‘मैं कृष्ण हूँ’ श्रृंखला की तीसरी किताब है। इस किताब में कृष्ण के जीवन से जुड़े कई अहम सवालों के जवाब मिलते हैं जैसे: कृष्ण ने द्वारका नगरी क्यों बसाई? कृष्ण ने अपनी प्राणप्यारी रुक्मिणी का अपहरण क्यों किया? ऐसी क्या मजबूरी थी जो कृष्ण को आर्यावर्त की राजनीति में उलझना पड़ा?एक शानदार प्रतिसाद के चलते ‘‘मैं कृष्ण हूँ’’ के पहले भाग को साल 2018 के Crossword Book Awards के ‘Best Popular Non-Fiction’ कैटेगरी में भी नामांकित किया जा चुका है।‘‘मैं कृष्ण हूँ’’ में कृष्ण के जीवन को पंद्रह से भी अधिक पौराणिक ग्रंथों से रिसर्च करने के बाद सिलसिलेवार तरीके से लिखा गया है जिसमें कृष्ण के हर कर्म के पीछे के सायकोलॉजिकल कारणों पर भी प्रकाश डाला गया है। आत्मकथा के रूप में लिखी गई कृष्ण की इस जीवन यात्रा में पाठकों को बताया जाता है कि कैसे कृष्ण ने अपनी चेतना के सहारे जीवन के सारे युद्ध जीते और उस मुकाम पर जा बैठे जिसके लिए आज वे न सिर्फ जाने जाते हैं, बल्कि जिस वजह से आज हर कोई उनके बारे में जानने को उत्सुक भी हैं।चूंकि किताब के लेखक स्पीरिच्युअल सायकोडाइनैमिक्स के पायनियर हैं, इसलिए उन्होंने सभी आवश्यक जगहों पर कृष्ण की सायकोलॉजी पर प्रकाश डाला है ताकि पाठक यह समझ सके कि कृष्ण ने जो किया वो क्यों किया। ‘‘मैं कृष्ण हूँ’’ निम्नलिखित शास्त्रों से रिसर्च करने के बाद लिखी गई है: महाभारत, शतपथ ब्राह्मण, ऐतरेय आरण्यक, निरुक्त, अष्टाध्यायी, गर्ग संहिता, जातक कथा, अर्थशास्त्र, इंडिका, हरिवंश पुराण, विष्णु पुराण, महाभाष्य, पद्म पुराण, मार्कंडेय पुराण, कूर्म पुराण…।यह किताब अंग्रेजी और गुजराती में भी उपलब्ध है।"
Features
: Main Krishna Hoon- Vol 3- Dwarka- Sapno Se Haqeeqat Ka Safar(Hindi)