Product Description
स्नातक के अंतिम वर्ष में पिता के निधन पर शिक्षा बीच मे ही छोड़कर... पुरानी दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर,उनका पार्सल बुकिंग का काम अपनाना पड़ा। दो-दो संगठनों का दायित्व निभाते हुए भी, जिज्ञासु प्रवृत्ति ने लिखने को प्रेरित किया। शरीर सौष्ठव के शौक ने इस्पात के डंबल, प्लेट, रॉड पकड़ाए, तो मन मे उठते विचारों के ज्वारभाटों को कलम कागज पर उतारती रही। ज्योतिष, फोटोग्राफी, होम्योपैथी और आध्यात्मिक विषय में रुचि के कारण इनमें पारंगत हुए| दिल्ली श्री, भारत कुमार और अर्जुन श्री जैसी प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत होने के साथ अपने वयवसाय को भी बढ़ाते हुए जीवन की विषमताओं से संघर्ष किया।जो सामाजिक जीवन मूल्य पसंद नहीं आए उनसे समझौता नहीं किया।कलम की यात्रा अनवरत जारी है।
Product Details
| Author: | Ashok Baugh |
|---|---|
| Publisher: | Indie Press |
| SKU: | 9789395563109 |
| EAN: | 9789395563109 |
| Language: | Hindi |
| Binding: | Paper Back |